12.30.2016

जानवर //गाय और गरीब // गुलाबी-गुलाबी

जानवर
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मै हैरान हुआ 
जब उसने
जानवर को अपनीमाँ कहा |

अगले ही क्षण
मेरी हैरानी
अफ़सोस में बदल गयी
जब उसने
एक जानवर के लिए
अपने आदमजात भाई को
जानवर की तरह काट दिया ||

एक जानवर का जाया ही
ऐसा जानवराना काम कर सकता था |||

अखलाक़
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आप
बेशक
मेरे घर की तलाशी ले सकते है
आप
मुझे
संगसार कर सकते है |

मैंने
अपने घर में
किसी अख़लाक़ को
पनाह दी है
जिसकी दाढ़ में किसी जानवर का गोश्त फंसा था
और जिसे पूरी बस्ती ढूंढ रही थी |

मै
हलफिया कहता हूँ
कि
जानवर कितना भी अच्छा हो
और आदमी कितना भी बुरा
हर आदमी से मेरा रिश्ता खून का रिश्ता है
और खून के रिश्ते की मुझे लाज रखनी है |||||

गैर बराबरी
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आज वो किताब
गोश्त के साथ
कुत्तो के आगे डाल दी
जिसमे लिखा था
मुल्क में सब आदमी बराबर है
दरअसल
मुल्क में
कुछ आदमियों की औकात
इन कुत्तो से भी कमतर है
जो इस वक्त सुनहरे बर्क वाली किताब को
हड्डी समझ कर चबा रहे है ||



गाय और गरीब 
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गाय थीं बेचारी 
अन्त तक जान नहीं पायीं
कि वे गाय थीं |
उनकी पूछ पकड़
कोई वैतरणी पार उतरा
किसी ने बनाये
उनके गोबर से गणेश
उनके दूध से
खूब फला किसी का कारोबार

और

सियासत ने उनके मांस पर
खूब सेंकी अपनी रोटियां ...|

अंत में जब वे मरी
कुत्तो का पेट भर गयी |

गाय गरीब थी
गाय नहीं जान पायी
कि वो गरीब थी

जान तो
गरीब भी नही पाया
कि वो आदमी नही गाय था |||

२)गाय
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हम कृष्ण की गाय है
हम कसाई के खूंटे से बंधी है |

हम सोचती रहीं
हमे बचाने कोई कृष्ण आयेगा

हम बूढी और बीमार हो गयी
हमें बचाने
कोई कृष्ण नहीं आया

हमे बचाने
कोई कृष्ण नहीं आयेगा

ज़रा सुनो तो
बंशी का स्वर हमारे भीतर से उठ रहा है |

ज़रा इस स्वर को थामो
अब
जरा अपने
सींगो पर भरोसा करो
देखो
खूंटा हिल रहा |

बाड़े में
रंभाने की नहीं
हुंकार की आवाज भरती जा रही है |

बूढ़ा पीपल
काल को कांपते देख रहा है ||


गुलाबी-गुलाबी 
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इधर गुलाबी उधर गुलाबी 
बशर गुलाबी शज़र गुलाबी 
डाल-डाल पर पात गुलाबी 
बात-बात पर बात गुलाबी
...
धन्नो जी की चाल गुलाबी
बन्नो जी के गाल गुलाबी
होरी जी का मर्ज गुलाबी
माल्या जी का कर्ज गुलाबी
...
मगरमच्छ का रोना गुलाबी
सांपनाथ का सोना गुलाबी
जियो-पियो नेटवर्क गुलाबी
धन का कालातर्क गुलाबी
...
मायानगरी का नोट गुलाबी
राजधानी का वोट गुलाबी
फुटपाथों की चोट गुलाबी
और नियमो का खोट गुलाबी
...
रहो गुलाबी कहो गुलाबी
देशप्रेम में बनो गुलाबी
सुबह गुलाबी शाम गुलाबी
 अब तो अपने राम गुलाबी ||हनु ||

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