2.09.2013

चुनौतियाँ ......


चुनौतियाँ ......

चित्रकार से

तुमने फूलों का रूप सँवारा होगा ...
तुमने तितली के पंखों में रंग भरे होंगे ..
तुम थकी शाम की  उदास आँखों में
नहाकर निकली सुबह के रंग भर सको
तो तुम चित्रकार हो ... मै जांनू...|

कवि से

तुमने तरुणाई के फेनिल गीत रचे होंगे
तुमने बसंत को शब्दों में बाँधा होगा
तुम दिल में जमे हुए दुःख को
कल कल बहता दरिया कर दो ..
तो तुम कवि हो ..मै जांनू ...||

ईश्वर से

तुमने सूरज चाँद रचे होंगे
सब चमत्कार तुमसे होंगे
तुम सीली लकड़ी के धुएँ धुएँ में
फूली फूली नर्म रोटियाँ सेंक सको तो
 तो तुम ईश्वर हो .... मै मांनू |||

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