वजह
व्याभिचारी सेज पर
सजे हुए थे
और वो गुस्से से भरा हुआ ..|
तब उसने जाना कि
उसका गुस्सा गोबर
की चौथ से ज्यादा कुछ नहीं था |
बेलगाम झूठ के आगे
उसका सच निशब्द खड़ा था
शब्द तो थे ...
शब्दकोष भी था |
सिर्फ साहस नही था
...|||
एतराज़
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मेरे दोस्त
मुझे एतराज़ नहीं
होगा गर तुम मेरे साथ चलो
बस एक मेहरबानी करो
अपने जूते ज़रा किनारे
छोड़ दो
मेरा दिल दुखता है
जब कोई फूल जूतों
के नीचे आ जाता है ..|||
( चित्र : डिएगो रिवेरा साभार )
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