अछूत (१)
मालिक
हम ना होते तो आप ‘घिन’ में लिथड़े होते |
हम ना होते तो आपकी जिंदगी कुंभीपाक में बजबजा
रही होती |
हम ना होते तो जानवरों की सड़ी लाशों ने ,
बस्ती की हवा को जहरीला बना दिया होता |
मालिक
हमने आपको छूने लायक बनाया
और अब आप ही कहते हैं कि
हम आप को छू नहीं सकते |||
अछूत
(२)
मालिक
पुन्य की ओट में पाप आप करें|
हलाल को हराम
और हराम को हलाल आप करें |
शैतान ने सब गुनाह आप से सीखे |
सब “छूत की बीमारियाँ’
दूसरों को आप से लगी हैं |
और आप कहते हैं,
हम आप को छू नहीं सकते |||
( चित्र गूगल साभार )
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