वे लौटेंगे
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पोखर में पानी
नहीं रहा
तो ऐसा नहीं कि
मछलियाँ नहीं रहीं |
पेड़ में पत्ते
नहीं बचे
तो ऐसा नहीं कि
परिंदे नहीं बचे |
तुमने जो
बस्तियाँ उजाड़ दी
तो लोग उजड़े
ज़रूर , मगर खत्म नहीं हुये |
कल बारिश के साथ
मछलियाँ लौट
आयेंगी
पत्ते लौट आयेंगे
परिंदे लौट
आयेंगे
...और वे भी
जिन्हें उजाड़ दिया गया था |
पर इस बार वे
टिड्डी दल की शक्ल में लौटेंगे
सब कुछ चट करते
हुये ||
आज तुमने जिनके साथ न्याय नहीं किया
कल उनसे भी न्याय
की उम्मीद मत करना ||||
हार
अंतत: मै जीतकर
भी हार गया |
मै जिनके खिलाफ था
,
उनसे लड़ते लड़ते
अंत में उन्ही
के जैसे हो गया ||||
( चित्र: गूगल साभार )
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