बौने
आधे हैं हम
मगर अधूरे नहीं है |
हमारी रीढ़ की हड्डी का बढ़ना रुक गया था
पर हमारे सपने औरों की रफ्तार से बड़े होते रहे |
कद छोटा रह जाने से
जरूरतें कहाँ छोटी रह जाती हैं ?
छोटे कद का मतलब यह भी नहीं है
कि हम कम हैं किसी भी लिहाज से |
बौने हैं हम
जोकर हैं हम
लेकिन हम इंसान भी हैं
हमें भोजन भी चाहिये,प्रेम भी और बिस्तर भी |
यदि तुम्हारी बड़ी सी दुनिया में
हमारे लिये इतनी छोटी सी चीज भी नहीं हैं
तो एक जहाज में हमें भरो और दूसरे ग्रह पर छोड़ आओ |
वैसे तुम्हारी निर्ममता के ज़वाब में
हमने इसी ग्रह में बना लिये हैं अपने ग्रह |
ओ बड़ी दुनिया के बड़े लोंगो
हमारे ग्रह में भूलकर भी दाखिल हुये ,
तो तुम्हे अपना कद अभिशाप लगने लगेगा ||||
( चित्र गूगल साभार )
आधे हैं हम
मगर अधूरे नहीं है |
हमारी रीढ़ की हड्डी का बढ़ना रुक गया था
पर हमारे सपने औरों की रफ्तार से बड़े होते रहे |
कद छोटा रह जाने से
जरूरतें कहाँ छोटी रह जाती हैं ?
छोटे कद का मतलब यह भी नहीं है
कि हम कम हैं किसी भी लिहाज से |
बौने हैं हम
जोकर हैं हम
लेकिन हम इंसान भी हैं
हमें भोजन भी चाहिये,प्रेम भी और बिस्तर भी |
यदि तुम्हारी बड़ी सी दुनिया में
हमारे लिये इतनी छोटी सी चीज भी नहीं हैं
तो एक जहाज में हमें भरो और दूसरे ग्रह पर छोड़ आओ |
वैसे तुम्हारी निर्ममता के ज़वाब में
हमने इसी ग्रह में बना लिये हैं अपने ग्रह |
ओ बड़ी दुनिया के बड़े लोंगो
हमारे ग्रह में भूलकर भी दाखिल हुये ,
तो तुम्हे अपना कद अभिशाप लगने लगेगा ||||
( चित्र गूगल साभार )
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